Tuesday, 11 June 2024

Ganga Dussehra 2024 Shubh Muhurat

 गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन आने वाला विशेष पर्व है. यह त्यौहार संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है. देवी गंगा के अवतरण से संबंधित यह दिन भक्तों के लिए जीवन की बाधाओं को दूर करने वाला समय होता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन किया जाने वाला माँ गंगा का पूजन व्यक्ति कर्मों को सुधारने का भी विशिष्ट समय होता है. अत: इस दिन कर्म सुधार के नियमों को अपनाते हुए जीवन को कष्टों से मुक्त कर पाने में सहायता मिलती है.




कैसे होता गंगा दशहरा में कर्म सुधार उपाय


” गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।। ”


गंगा की उत्पत्ति की गाथा ही कर्म एवं पूर्व में किए गए कर्मों के सुधार की रही है. गंगा दशहरा देवी गंगा के पृथ्वी पर आगमन की विशेष घटना है. जिसका वर्णन “हरिवंश पुराण”, “विष्णु पुराण”, भागवत, “ब्रह्मवैवर्त पुराण” “रामायण” इत्यादि ग्रंथों में प्राप्त होता है.


गंगा के पृथ्वी में आगमन की कथा अनुसार इक्ष्वाकु वंश में जन्मे भगीरथ द्वारा ही वह पृथ्वी लोक में आती हैं.  सम्राट दिलीप के पुत्र राजा भगीरथ ने अपने पितरों के कर्मों की शुद्धि एवं मुक्ति के लिए ही कठोर तप किया और देवी गंगा को प्राप्त किया. कुछ कथाओं के अनुसार राजा भगीरथ को जब अपने पूर्वजों के श्राप का बोध होता है जो कपिल मुनि के शाप से भस्म हुए थे जो राजा सगर के 60 हजार पुत्र थे. राजा सगर के पुत्रों ने कपिल मुनि का अपमान किया जिसके चलते उन्हें अपने कर्मों के फल अनुसार मृत्यु प्राप्त होती है और ऎसे मृत्यु जो मुक्ति नहीं देती अत: जिसके चलते पितृ दोष एवं कर्म अशुद्धि का दोष आने वाले लोगों को प्राप्त होता है.

गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त

पूजा शुभ मुहूर्त– सुबह 7:08 मिनट-सुबह 10:37 मिनट तक

दशमी तिथि प्रारम्भ – जून 16, 2024 को 02:32 am

दशमी तिथि समाप्त – जून 17, 2024 को 04:43 am

हस्त नक्षत्र प्रारम्भ – जून 15, 2024 को 08:14 am

हस्त नक्षत्र समाप्त – जून 16, 2024 को 11:13 am

व्यतीपात योग प्रारम्भ – जून 14, 2024 को 07:08 pm

व्यतीपात योग समाप्त – जून 15, 2024 को 08:11 pm

जानिए आज का त्योहार तारीख, समय के साथ।

गंगा दशहरा पूर्वजों के कर्मों की शुद्धि एवं कुल वृद्धि का समय

भगीरथ अपने कुल के कर्मों के उद्धार के लिए अपने पूर्वजों को श्राप से मुक्ति दिलाने हेतु कठोर साधना की. देवी गंगा को पृथ्वी पर लाने हेतु वह ब्रह्मा जी का पूजन करते हैं. ब्रह्मा जी भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने को कहते हैं


तब भागीरथ जी अपने पूर्वजों की मुक्ति उनके कर्मों की शुद्धि व संतान की प्राप्ति का वरदान मांगते हैं. तब ब्रह्मा जी उन्हें वरदान स्वरुप गंगा प्रदान करते हैं किंतु गंगा का वेग इतना प्रबल होता है की उसे कोई संभाल नहीं पाता है तब भागीरथ भगवान शिव की उपासना करते हैं और भगवान उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा को अपनी जटाओं में स्थान देकर उन्हें पृथ्वी की ओर प्रवाहित करते हैं. इस तरह देवी गंगा पृथ्वी पर आकर भगीरथ के कुल का उद्धार करती हैं. देवी का आगम न केवल उनके उद्धार हेतु हुआ अपितु समस्त पृथ्वी का उद्धार भी संभव हो पाया. इसलिए गंगा दशहरा के समय किया जाने वाला गंगा पूजन व्यक्ति के कर्मों का सुधार करने का विशेष दिन बन जाता है.

पूर्व जन्म के कर्मों का ज्योतिषीय अध्ययन और विश्लेषण

गंगा दशहरा के दिन दस पाप होते हैं क्षय

वाराह पुराण के कथन अनुसार   ” हरते दशपापानि तस्माद्दशहरा समृता ।।”
गंगा दशहरा के संदर्भ में पुराणों की उक्ति का एक उल्लेख यह बताता है की दशहरा/Dussehra के दिन व्यक्ति दश पापों को हरने वाली है. अत: इस दिन व्यक्ति के कर्म में हुए जाने अनजाने कार्यों से उत्पन्न पाओं का हरण भी इस दिन संभव होता है.

एक अन्य कथन के अनुसार यदि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि हो, हस्त नक्षत्र का समय हो तब यह समय उत्तम योगों का माना गया है. माना गया है की हस्त नक्षत्र की उपस्थिति में ही गंगा माता पृथ्वी की ओर उन्मुख हुई थी और माँ गंगा का अवतरण इस शुभ नक्षत्र समय हुआ. इसी कारण इन शुभ योगों के संयोग की प्राप्ति होने पर भी यह दिन व्यक्ति के समस्त बुरे प्रभावों को समाप्त कर देने में सहायक होता है.


Source :- https://kundlihindi.com/blog/ganga-dussehra/


जीवन में व्यक्ति अनेक प्रकार के कार्यों को करते हैं और कई बार ऐसे कार्य भी कर बैठता है जो उससे अंजाने में हो जाते हैं. विष्णु पुराण के अनुसार हमारे कर्म भी कई तरह से संभव होते हैं मनसा वचना और कर्मा, इसमें से 4 वाचिक कर्म हैं 3 कायिक कर्म एवं 3 मानसिक कर्म भी हैं अत: इन सभी के द्वारा यदि कोई कार्य गलत होता है तो उन सभी पापों का शमन गंगा दशहरा के पूजन एवं अनुष्ठान द्वारा संभव होता है.

गंगा दशहरा से दूर होती हैं काम काज या अन्य प्रकार की समस्त बाधाएं

गंगा दशहरा वह शुभ दिन है जो व्यक्ति के जीवन की बाधाओं को समाप्त करता है. यह कारोबार में तरक्की पाने का समय होता है, यह आपके जीवन में आ रही हर प्रकार की कानूनी बाधा को भी दूर करने वाला समय होता है. किसी प्रकार की गलत आदत हो या व्यक्ति किसी प्रकार के नशे या लत से पीड़ित हो तो इस दौरान किया गया अनुष्ठान एवं पूजन व्यक्ति के इन सभी दुष्प्रभावों को मुक्त करने में सहायक बनता है. यह बिलकुल वैसे ही सहायक होता है जैसे गंगा का भागीरथी और  जाह्नवी बनकर बहना पृथ्वी क्योंकि जिसने जैसा प्रयास किया गंगा उस रूप में प्रवाहित और प्रचलित हुईं इसलिए गंगा दशहरा का समय हर प्रकार के कष्ट से मुक्ति का विशेष शुभ समय बन जाता है.

“  नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।

पढ़ें अपना दैनिक राशिफल हमारे साथ।


Read more about: Lifespan Prediction | Free kundali | Property Yoga in kundali | Health Astrology


No comments:

Post a Comment

Dynamic Personality of a Gemini

  Geminis, known for their intelligence, extraversion, and dynamism, can be spotted easily amongst people holding intellectual debates in a ...